ग्राम एवं विद्यालय का चयन
संस्थान को इस क्षेत्र में कार्य करते हुये 2 वर्ष हो गये थे अतः संस्थान की नजर में यहॉ के सरकारी विद्यालयों की स्थिति स्पष्ट थी अतः चयन के समय संस्था ने ऐसे गांवो को तरजीह दी जहॉ सरकारी अध्यापक की अनियमितता के चलते षालाएं प्रायः बंद ही रहती थी अथवा षैक्षिक दृष्टि से न्यून रहती थी।