प्रहर पाठशाला
इस क्षेत्र में कामकाजी बच्चों की संख्या बहुत बडी तादाद में थी। भेड- बकरी चराना अथवा खेत के एवं घर के काम में सहयोग करने की वजह से बच्चे औपचारिक विद्यालय में नियमित रूप से जाना संभव नहीं था। दूसरा कारण इन बच्चों की उम्र कक्षा के अनुसार अधिक थी। परियोजना में इन बच्चों के लिए प्रहर पाठशाला का प्रावधान रखा गया था। प्रहर पाठशाला में बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए समय निर्धारित किया जाता था। यह पाठशाला 3 से 4 घंटे चलती थी। आमतौर पर इसका समय सांय 6 बजे के बाद होता था। इस पाठशाला में अधिकांश बच्चें कक्षा 5 तक की दक्षता प्राप्त कर लेते थे। बहुत से बच्चे औपचारिक विद्यालय में प्रवेश ले लेते थे।